असल मैं यमनी हूतीज ने सारी दुनिया के मुस्लिम वर्ग में अपने कारनामों से एक खास जगह बना ली है । इन हूतीज का जो अंसारुल्लाह कहलाते हैं इनका आठवीं शताब्दी में एक गौरवशाली इतिहास भी रहा है ओर ये बड़ा साम्राज्य चलाते थे ।
यमन के ये जैदी शिया जहां 12 इमामों को मानते हैं वहीं चारों खलीफाओं को भी एहतराम करते हैं । ये ईरान ईराक लेबनान सीरिया के ट्रेवलर शिया मत अशना अशरी से थोड़े से भिन्न है । इसे अगर शार्ट या आसान भाषा में समझे तो ये थोड़े सुन्नी टाइप के शिया है ।
इस वजह से एक बड़े सुन्नी मुस्लिम वर्ग का समर्थन इन्हें मिल रहा है ओर अमेरिका एंड कंम्पनी चाह कर भी डिवाइड एंड रुल वाली पोलिसी नहीं खेल पा रही ।
अभी तक बहरीन का नाम सामने आया तो हूतीज लीडर ने बहरीन की जनता से कहा देख क्या रहे हो उतार फेंको ऐसी हुकूमत को हम तुम्हारे साथ है
वो सभी मुस्लिम देशों को बोल रहे हैं हमारा साथ दो ओर यकीन रखो हम समुद्र में इन्हें वो मार मारेंगे कि श्यालो के होश ठिकाने आ जाएंगे । जो किसी मजबूरी साथ नहीं भी दे पा रहे वो मोरल सपोर्ट करें ओर बताए कि कुटाई में कोन्हू कमी तो नहीं हो रही । हमने तैयारी पकड़ ली है ओर अब हम रुकने वाले नहीं
ईरान पर भी बड़ा प्रेशर है इस्राइल का येरुशलम पोस्ट अमेरिका ओर बाइडन के लिए लिख रहा है कि अबे ये हिज्बुल्लाह ओर हूतीज में क्यूं लगा पड़ा है ! सीधा ईरान पर बम क्यूं नहीं मार रहा ? वरना उसने हमें नहीं छोड़ना है । उसे दिवालिया कर दे एटम बम मार दे तू कर सकता है तो क्यूं नहीं कर रहा !
नो डाउट इस्राइल पूरी तरह बौखला चुका है एक तरह से पागल हो चुका है ! उसकी समझ नहीं आ रहा कि केसे क्या करना है ! ये एक ऐसी खतरनाक जंग है जिसका ब्लूप्रिंट किसी के पास नहीं ओर कोई नही जानता कि इसका नेस्ट स्टेप क्या हो सकता है ? सबके अपने अपने अनुमान प्रिडिक्शन है ।
ये जंग सामंती सोच ओर आम गरीब आवाम की भी जंग है दुनिया को जो एलीट वर्ग चलाता है उसके ओर आप पब्लिक के बीच भी इसमें एक फ्रेक्शन दिखता है । खुद अमेरिका में 53% यूथ ज्यूश लाबी के खिलाफ हो चुके हैं । क्यूंकि उन्हें दिख रहा है कि केसे ये लाबी पूरे अमेरिकी लीडरशिप ओर उसके डीप स्टेट को हैंडल कर रही है ।
ये कोई वर्ल्ड आर्डर नहीं था बल्कि ये तो ज्यूश आर्डर था । ओर सारी दुनिया के लोए लगाकर रख दिए ...
आम लोगों के जन आक्रोश ओर अमेरिका की चालबाजी यूरोप भी समझ चुका है इसलिए नाटो के पूरे देश साथ नहीं आ रहे बल्कि एक बिल्कुल करीबी 5 आई का सदस्य आस्ट्रेलिया इस एलायंस से बाहर जा चुका है दूसरा फ्रांस भी इससे निकलने को तैयार बैठा है तो बचा क्या ?
अब अगर गल्फ कंट्रीज में जो भी अमेरिका एंड कंम्पनी के साथ आएगा तो हूतीज ने कह दिया है कि उसका किब्ला हम दुरुस्त कर देंगे ओर अमेरिका ईस्राइल का साफ्टवेयर हार्डवेयर दोनों सुधार देंगे ..
इजिप्ट जैसा देश अमेरिका से हट चुका है इसमें अल सीसी की तारीफ करनी होगी वो अभी दोबारा चुनाव ही इसलिए जीतकर आए हैं ।
इसलिए एलायंस तैयार नहीं हो रहा बिना अरब के सूना सूना ...बैकडोर डिप्लोमेसी से रास्ते ओर समाधान लगातार खोजा जा रहा है । ईरान पर भी सब तरफ से प्रेशर बनाया जा रहा है कि तुम इन्हें थोड़ा कंट्रोल करो !
जबकि ईरान कह रहा है कि तुम्हारी ये गलतफहमी कब दूर होगी कि ये हूतीज पर हमारा इतना नियंत्रण है ? जितना तुम समझ रहे हो उतना नहीं है ! ये अच्छे खासे हटेंले टाइप लोग हैं अगर हमारे कहने शुरु हो गये तो जरुरी नहीं कि हमारे रोकने से रुक जाएंगे।
इनका फाल्ट समझो ये कोई प्राक्सी नहीं है ये पूरा मुल्क चला रहे हैं इनकी अपनी सरकार है करेंसी है अपनी राजधानी सना है अपनी पूरी आर्मी है, एयरफोर्स ओर नेवी है । ओर उनका एक फ्री हैंड प्रवक्ता भी है जो रोज शाम को पीसी करके तुम्हें गालियां बकता है
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