सानिया मिर्ज़ा का खुला:-
सानिया मिर्जा और शोएब मलिक के अलगाव की खबर आते ही सानिया मिर्जा के लिए अलाप विलाप होने लगा।
जिन लोगों को लगता है कि शोएब मलिक ने सानिया मिर्जा को तलाक दिया उन्हें सूचित कर दूं कि अपनी जानकारी दुरुस्त कर लें। दरअसल यहां सानिया मिर्ज़ा ने शोएब मलिक को तलाक दिया है और शरियत में औरतों के इसी अधिकार को "खुला" कहते हैं।
सानिया मिर्जा ने अपने इस्लामिक अधिकार का प्रयोग करके शोएब मलिक के साथ अपने वैवाहिक संबंधों को समाप्त कर दिया।
दरअसल इस्लामिक व्यवस्था में शादी 7 जन्मों का बंधन नहीं है और ना तो पति के मर जाने पर पति के चिता पर पत्नी के जीवित जलने जलाने या जीवन भर अछूत अपशगुन अभागी विधवा का जीवन जीने की बाध्यता है।
सीधी सी बात है कि इस्लामिक व्यवस्था में दो वैवाहिक लोगों के बीच यदि संबंध कटु हो गये और वैवाहिक जीवन नरक हो गया तो पत्नी को किचन में आग लगा कर मार डालने, अदालत में उसे चरित्रहीन कहने, परपुरुष से उसके संबंध और शारीरिक संबंध की बात सिद्ध करके, उसे कुल्टा वैश्या बता कर जज और अदालत के सामने 10-15 साल गिड़गिड़ाने और इसके बाद इस कष्टपुर्ण वैवाहिक जीवन से छुटकारा पाने के बजाय एक आसान प्रक्रिया के माध्यम से इज़्ज़त के साथ अलग होकर अपने दूसरे वैवाहिक भविष्य के विकल्पों पर चलने की संभावना बताई गयी है।
सानिया मिर्जा ने वही किया "खुला" का प्रयोग करके शोएब मलिक के साथ अपने वैवाहिक संबंध को समाप्त कर दिया।
अब वह नये विकल्पों के लिए स्वतंत्र हैं।
इस्लामिक वैवाहिक व्यवस्था में सबसे अधिक अधिकार लड़की को ही प्राप्त है , वह इस प्रक्रिया में दान अथवा किसी को भीख में नहीं दी जाती बल्कि अपने हक का प्रयोग करके निकाहनामे में अपनी शर्तें डलवाती है , और निकाह का कबूल होना दरअसल उन शर्तों का ही लड़के के द्वारा कबूल किया जाना होता है।
लड़की द्वारा दी गयी निकाह की शर्त यदि लड़के को कुबूल नहीं तो निकाह ही नहीं माना जाता है।
इस्लाम आधारित पूरी वैवाहिक व्यवस्था में लड़की वालों का कुछ भी खर्च नहीं होता सिवाय विदाई के समय चाय नाश्ते के।
निकाह मस्जिद में, निकाह के वक्त पहने लड़की के कपड़े लड़के वालों के , लड़की की सुरक्षा के लिए तय मेहर लड़के को देना है , वलीमा लड़के वालों को देना है।
लड़की वालों पर खर्च का बोझ कहां ? बस पांच लोगों का चाय नाश्ता।
और फिर पूरे वैवाहिक जीवन में जो अधिकार लड़के के वही अधिकार लड़की के , उसे अपने पति को देवता बनाकर नहीं पूजना , ना तो उसके लिए भूखा रहना ना उसके लिए अतिरिक्त श्रृंगार करना।
विवाह से संतुष्ट नहीं और वैवाहिक जीवन कष्टमय हो चुका है तो सानिया मिर्जा की तरह खुला लेकर संबंध खत्म और अगले ही दिन अन्य विकल्पों पर ध्यान केंद्रित करना।
बाकी सानिया मिर्जा ने शोएब मलिक से अधिक कमाया है , खेल जगत में शोएब मलिक से अधिक नाम और सम्मान हासिल किया है , शोएब मलिक उसके सामने ना पहले कभी कुछ थे ना आज हैं।
स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा की नेटवर्थ करीब 30 मिलियन डॉलर है, जो भारतीय रूपये में लगभग 250 करोड़ रुपये है।
सानिया मिर्जा की अपनी दुबई और हैदराबाद स्थित दो विशाल टेनिस एकेडमी से सालाना कमाई 5 करोड़ रुपये की हैं और एडिडास तथा स्प्राइट जैसे कई ब्रॉन्ड्स के विज्ञापनों से साल भर में लगभग 25 करोड़ रुपये कमाती हैं। अर्थात ₹2.5 करोड़ प्रति महीने।
सानिया मिर्जा का दुबई के पाश एरिया दुबई इन्वेस्टमेंट पार्क -2 में एक आलीशान रेस्टोरेंट "मिर्ज़ा मुहम्मद रेस्टोरेंट" है उसकी कमाई अलग है।
सानिया मिर्जा की कारों में BMW X3 , Porsche Carrera GT , मर्रसिडीज-बेंज, ऑडी और रेंजर रोवर भी है इन सबकी कीमत करीब 6 करोड़ रुपए की है।
सानिया मिर्जा का बंजारा हिल्स हैदराबाद स्थित खुद का बंगला ₹25 करोड़ का है जिसमें टेनिस कोर्ट और विशाल स्विमिंग पूल है , सानिया मिर्जा का दुबई का ₹50 करोड़ का घर पूरा महल है।
इसके साथ ही सानिया मिर्जा और उसके बेटे को यूएई से दीर्घकालिक VIP "गोल्डेन वीज़ा" मिला हुआ है।
इसलिए सानिया मिर्जा को जशोदा बेन समझना बंद करिए और अपनी बेटियों को सक्षम सशक्त बनाईए कि वह किसी के ऊपर निर्भर नहीं रहे।।
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