जेएनएन: शासन के आदेश पर अन्य प्रदेशों में फंसे शामली के कामगारों को लाने के लिए रोडवेज बसें तैयार कर ली गई हैं। डीएम के आदेश के बाद अन्य प्रदेशों में शामली से रोडवेज बसें भेजी जाएगी। कामगारों के शामली लौटने पर जिले में प्रवेश से पहले ही सभी की स्क्रीनिग कराई जाएगी। उसके बाद उन्हे उनके घर तक पहुंचाया जाएगा।
देश में फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा हैं। लॉकडाउन के बीच शासन से आए आदेश के बाद अब प्रशासन ने प्रदेशों में फंसे कामगारों को लाने के लिए शामली रोडवेज बस स्टैंड से भी 50 रोडवेज बसें भेजी जा रही हैं। शामली के रोडवेज बस स्टेशन प्रभारी राजेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि शामली प्रशासन के आदेश पर आसपास क्षेत्रों से मंगाकर 50 बसें तैयार कर ली गई हैं। शनिवार को सुबह के समय सभी बसों को सैनिटाइज किया गया हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन का जिस राज्य में बस भेजने का आदेश होगा वहां बसें भेजी जाएगी। देर शाम तक भी किसी अधिकारी का बस भेजने के लिए कोई आदेश नहीं आया हैं।
स्क्रीनिग के बाद जिले में मिलेगा प्रवेश, 14 दिन किया जाएगा क्वारंटाइन
अन्य प्रदेशों से आ रहे मजदूरों की जिले में प्रवेश करने से पूर्व ही सभी कामगारों की स्क्रीनिग कराई जाएगी। उसके बाद 14 दिन के लिए क्वारंटाइन भी किया जाएगा। उसके बाद उनको घर भेजा जाएगा। शनिवार को भी हरियाणा की और से होते हुए शाम तक करीब पांच बसें जिले में आई थी। जिनमें 31 लोग शामली जिले के हैं। उन सभी की स्क्रीनिग करने के बाद कैराना में ही बनाए गए क्वारंटाइन वार्ड में रखा गया हैं। आगे भी जो लोग अन्य प्रदेश से शामली में आएंगे उनको क्वारंटाइन वार्ड में रखा जाएगा। अमेरिका को अचानक क्या हुआ? कुछ दिन फॉलो करने के बाद व्हाइट हाउस ने ट्विटर पर PM मोदी को किया अनफॉलो
देश में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त पड़ गया है। लॉकडाउन के चलते महाराष्ट्र में काम करने वाले बाहरी राज्यों के मजदूर बेहाल हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज रविवार को कहा कि मजदूरों को वापस भेजने के लिए सरकार रास्ते तलाश रही है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि ट्रेनों की आवाजाही किसी भी सूरत में नहीं शुरू की जाएगी। लेकिन मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मद में महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार से भी बात की है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तो भीड़ बढ़ेगी और अगर भीड़ हुई तो संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ जाएगा, साथ ही साथ लॉकडाउन को और भी बढ़ाना पड़ेगा। सीएम ने कहा कि कोटा में फंसे राज्य के छात्रों को भी सरकार वापस लाने के लिए बात कर रही है। उन्होंने कहा कि इस आपदा की आशंका किसी को नहीं थी। सीएम ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे कोरोना से जंग में सहयोग करें। अभी गलियों में आकर नमाज पढ़ने का वक्त नहीं है। रमजान के दौरान लोग घर में ही रहकर नमाज अदा करें।
सीएम ने कहा कि भगवान कहां है? इस वक्त हमारे भगवान डॉक्टर, पुलिस, नर्स और सफाई कर्मचारी ही हैं, उनका आदर करना ही असल पूजा है। राज्य में कोरोना की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते तेजी से फैल रहे संक्रमण को रोकने में सफलता मिली है। उद्धव ने कहा कि राज्य में कोरोना से संक्रमित 80 मरीजों में संक्रमण के लक्षण देखने को नहीं मिले हैं। केवल 20 फीसद संक्रमित मरीजों में ही लक्षण दिखे। संक्रमित मरीजों को ठीक करने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बीमारी को छुपा रहे हैं, ऐसे लोगों से मेरी अपील है कि वे लक्षण दिखने पर कोरोना की जांच कराएं और इलाज कराएं।
नहीं रहे ऐक्टर ईरफन खान अंतिम सांस ली मुंबई के कोकिलाबैन हास्पिटल में
बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के चपेत में आकर 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी भी संक्रमित हुए हैं। इनमें से 7 पुलिस अधिकारी कोरोना का इलाज करवाकर ठीक हो चुके हैं। वहीं दो संक्रमित पुलिसकर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जान गंवाने पुलिसर्मियों के परिवार को मुआवजा दिया जाएगा, साथ ही सरकार उनकी हर जरूरत पूरी करेगी।
Ministry of Home Affairs (MHA) allows movement of migrant workers, tourists, students etc. stranded at various places. #CoronavirusLockdown pic.twitter.com/3JH2YPAuQU— ANI (@ANI) April 29, 2020