ईरान ने शुक्रवार को लेबनान के हिज्बुल्लाह आंदोलन को आतंकवादी संगठन घोषित करने और उसकी गतिविधियों पर पाबंदी लगाने के जर्मन सरकार के निर्णय की निंदा की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने एक बयान में कहा, "यूरोप के कुछ देश पश्चिम एशिया क्षेत्र की वास्तविकताओं पर विचार किए बिना ही स्पष्ट रूप से अपना रुख कायम कर रहे हैं।"
मौसवी ने आगे कहा कि केवल इजरायल और अमेरिका के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए हिज्बुल्लाह को ब्लैकलिस्ट करने का जर्मन सरकार ने निर्णय किया।
उन्होंने कहा, "हिज्बुल्लाह देश की सरकार और संसद का एक वैध हिस्सा है। इस निर्णय से लेबनान सरकार और देश के फैसले का भी अपमान हुआ है।"
जर्मनी ने गुरुवार को समूह की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाते हुए हिज्बुल्लाह को ब्लैकलिस्ट कर दिया। दर्जनों पुलिसकर्मियों और स्पेशल फोर्स ने गुरुवार सुबह के शुरुआती घंटों में ब्रेमेन, बर्लिन, डॉर्टमंड और माइनस्टर में हिज्बुल्लाह से जुड़ी मस्जिदों और संगठनों पर धावा बोला।
लेबनान के गृहयुद्ध के दौरान साल 1982 में स्थापित हिज्बुल्लाह संगठन अब देश का एक प्रमुख राजनीतिक दल है। इसने साल 2006 में इजरायल के साथ युद्ध लड़ा था।
हिज्बुल्लाह समूह को इस्लामिक शिया समुदाय का समर्थन प्राप्त है और लंबे समय से अमेरिका और इजरायल ने इसे आतंकवादी समूह घोषित किया हुआ है।