मुस्लिम समुदायों के लिए रमजान का महीना बहुत पाक और खास माना जाता है। चांद के दीदार के साथ ही रमजान का महीना इस साल 24 या 25 अप्रैल से शुरू हो रहा है। मगर साल 2020 का रमजान महीना भी कोरोना की भेंट चढ़ते नजर आ रहा है।
पाक महीना रमजान
मुस्लिम धर्म मानने वाले लोगों के लिए रमजान का महीना काफी मायने रखता है। इस महीने में जीवन में मिली हर नेमत के लिए खुदा का शुक्रिया अदा किया जाता है। इस महीने में दान पुण्य का काम किया जाता है जिसे जकात कहा जाता है। जरूरतमंदों और गरीबों की मदद की जाती है। इस वजह से ये महीना नेकियों और इबादत का महीना कहलाता है। महीने के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद उल फितर का पर्व मनाया जाता है।
लॉकडाउन के साए में रमजान का महीना
गौरतलब है कि 24 अप्रैल को हिजरी कैलेंडर का पाक महीना रमजान शुरू होगा जो 23 मई तक चलेगा। मुस्लिम समुदाय के लोग इस पूरे एक महीने के दौरान रोजे रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। मस्जिद में नमाज पढ़ी जाती है। दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के साथ इफ्तार पार्टी का इंतजाम किया जाता है। मगर साल 2020 का रमजान महीना अन्य वर्षों की तुलना में अलग होने वाला है। कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया है। सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों में भी यही स्थिति है। कोरोना महामारी के कारण धार्मिक जगहों और बाजारों में भीड़ न लगाने के आदेश दिए गए हैं। नमाजियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दी गयी है
देशभर में लगे लॉकडाउन के कारण रमजान की वो चमक देखने को नहीं मिल सकेगी। साथ ही इसकी तैयारियों को लेकर भी अकीदतमंदों को कई तरह के एहतियात बरतने होंगे ताकि वो कोरोना संक्रमण से बचे रह सकें। जानते हैं रमजान के महीने में मुसलमानों को किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए और WHO द्वारा जारी किये गए दिशा निर्देशों में क्या कहा गया है।
NEW: WHO interim guidance for safe #Ramadan in the context of the #COVID19 highlights public health advice for social and religious practices & gatherings during the month that can be applied across different national contexts— World Health Organization (WHO) (@WHO) April 18, 2020
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रमजान को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जारी किए दिशा निर्देश
कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रमादान/रमजान को लेकर गाइडलाइन्स जारी की है। कोरोना के खौफ के कारण इस साल अल्लाह की इबादत और इफ्तार का इंतजाम घर में ही करना सुरक्षित रहेगा।
1. यदि रमजान के लिए कई लोगों को एक जगह पर इकट्ठे होने की मंजूरी दी जाती है तो COVID-19 के खतरे को कम करने के प्रबंध किए जाएं।
2. रमजान के समय में एक-दूसरे का अभिवादन करने के लिए सीने पर हाथ रखें या सिर झुकाने जैसे व्यवहार को बढ़ावा दें।
3. यदि किसी व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण हैं तो वो रमजान के दौरान बाहर ना निकले और लोगों से मिलने से बचे।
4. बुजुर्गों और किसी गंभीर बीमारी से प्रभावित व्यक्ति को घर में ही रहना चाहिए।
5. यदि किसी कारण रमजान के दौरान नमाज के लिए लोग एकत्र होते भी हैं तो वुजू और नमाज के समय सोशल डिस्टेन्सिंग अर्थात दूरी का ख्याल रखा जाए।
6. यदि मस्जिद में लोग एकत्र होते भी हैं तो एक दूसरे से दूरी बनाते हुए अंदर आएं।
7. सरकार की तरफ से रमजान में कोरोना को फैलने से बचाने के सभी उपाय सुनिश्चित किए जाएं।
8. रमजान के सामाजिक और धार्मिक सामारोहों से जुड़ी हर सूचना साफ और स्पष्ट होनी चाहिए।
स्व-संतुष्टि जीवन जीने के लायक बनाती है। हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहा गरीब और दलितों का एक बड़ा हिस्सा है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में एक अलग आवश्यकता हो सकती है। जबकि कुछ लोगों के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं हैं। लेकिन यह सब नहीं है, कुछ लोगों को केवल स्नेह की आवश्यकता हो सकती है, जो लोग मुस्कान देखने के लिए तरस रहे हैं। हम एक आरामदायक जीवन जीने के लिए भाग्यशाली हैं। कितना अच्छा होगा अगर हम उन उदास चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करें? उदारता एक आसानी से करने योग्य व्यायाम है। हम सभी को एक बात याद रखनी चाहिए कि दूसरों की मदद करना एक आशीर्वाद है। क्योंकि जब हम दूसरों को बढ़ने में मदद करते हैं, तो हम प्रक्रिया में भी आगे बढ़ते हैं। यह मान और अर्थ हमारे जीवन को जोड़ता है
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