लंबे समय से लॉकडाउन के चलते बंद शाहपुरकंडी बांध परियोजना पर को निर्माण कार्य फिर से शुरू कर दिया गया है। जिसके बाद स्थल पर श्रमिकों की उपलब्धता और कोविड -19 सुरक्षा सावधानियों के संबंध में जमीनी आकलन किया गया। कैप्टन ने सरकार ने इस प्रतिष्ठित योजना के निर्माण कार्य को कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण केंद्र सरकार के निर्देशों पर रोक दिया था। इस परियोजना का निर्माण पाकिस्तान की ओर जा रहे भारत के व्यर्थ जल को रोक कर किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मुहैया करवाना है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह और जल संसाधन मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश जारी करने के बाद परियोजना पर निर्माण संबंधी गतिविधि को फिर से शुरू करने की जांच करने के लिए पठानकोट जिला प्रशासन को निर्देश दिया था। जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और स्थिति की जांच करने के लिए अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम गठित की। टीम ने मंगलवार को साइट का दौरा किया था, और निर्माण कार्य में शामिल श्रमिकों द्वारा इसे फिर से शुरू करने के लिए संभव पाया गया था
परियोजना का विवरण देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि 2700 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से रावी नदी पर बनाई जा रही राष्ट्रीय स्तर की यह परियोजना पंजाब और जम्मू और कश्मीर से पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी को रोकने में काफी हद तक कामयाब होगी। पूरा होने पर यह परियोजना 206 मेगावाट बिजली पैदा करेगी। इसके अलावा परियोजना में पंजाब में 5,000 हेक्टेयर भूमि और जम्मू-कश्मीर के सांभा और कठुआ जिलों में 32,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने की क्षमता है।