2019 Election |
उत्तर प्रदेश के मेरठ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में पीएम मोदी की रैली में चरथावल विधानसभा से आई एक बस में एक युवक कुछ लोगों से बात कर रहा है। बस में 20-25 लोग हैं, जो सभी मुसलमान हैं। चरथावल विधानसभा मुजफ्फरनगर लोकसभा का हिस्सा है।
वीडियो में युवक सरकार के कामकाज किसानों की समस्या, गाय के नाम पर हत्याएं और तीन तलाक पर बात करता है। बस में मौजूद लोग सरकार की कार्यशैली से नाराज हैं। आखिर में युवक कहता है, "क्या आपको इस रैली में आने के पैसे मिले हैं तो बस से आवाज आती है कि नहीं मगर यह मत पूछिए क्यों आए हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार की मेरठ रैली में उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुटी है। हाल यह रहा कि जब पीएम बोल रहे थे तो पीछे की कुर्सियां खाली रह गईं। हालांकि, बीजेपी नेताओं ने इस पर सफाई दी है। उनका कहना है कि मोदी जी जब बोल रहे थे तो लोग खड़े होकर उन्हें सुनने लगे जिससे कुर्सियां खाली हो गईं।
गाजियाबाद से मेरठ के मीरापुर आने वाले एक युवक आमिर के मुताबिक आज वह अपने घर आ रहा था। उसे जानकारी थी कि मेरठ में पीएम की रैली है, मगर रास्ते मे उसे कहीं कोई जाम नहीं मिला। रास्ते में मोटरसाइकिल पर इक्का-दुक्का लोग ही बीजेपी के झंडे के साथ मिले। जबकि इससे पहले 2014 की रैली में वह घंटों जाम में फंस चुका था। जानकारों के मुताबिक 2014 की तुलना में पीएम मोदी की रैली में जोश की कमी रही। खास बात ये है कि 2014 में भी मोदी ने मेरठ से ही अपने लोकसभा प्रचार अभियान की शुरुआत की थी। लेकिन इस बार तालियां और मोदी-मोदी का शोर भी नहीं था। इसके लिए बार-बार कहना पड़ रहा था। मुजफ्फरनगर के सांसद संजीव बालियान बार-बार मंच से कहते सुनाई दिए, “प्रधानमंत्री पहुंचने वाले हैं, थोड़ा जोर से नारे लगाओ बेइज्जती करवाओगे क्या!”
रैली में मौजूद रहे भुम्मा के किसान मानवेंद्र के मुताबिक अपने नेता के सम्मान के लिए वो रैली में चले गए। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर वो बैर नहीं रख सकते, लेकिन सरकार ने किसानों को परेशान किया है।
पीएम के रैली स्थल पर शुरुआत में बहुत कम भीड़ थी। इस बात को उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भी महसूस किया। दरअसल पहले वो रैली स्थल पर 10 बजकर 20 मिनट पर आए, लेकिन भीड़ कम देखकर वापस चले गए। उसके बाद वह दो बार वहां आए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यहां सवा 11 बजे पहुंचना था, लेकिन वह 11.30 पर पहुंचे। यहां उन्होंने एसपी-बीसपी और आरएलडी के मेल को 'सराब' बताकर हानिकारक बताया । सबूत और सपूत में से एक चुनने की बात कही।
रैली में बीजेपी नेताओं ने मेरठ और मुजफ्फरनगर की पांच-पांच विधानसभा क्षेत्र और बिजनोर और बागपत के एक विधानसभा क्षेत्र से लोगों को बुलाया था। बाद में कम भीड़ देखकर बीजेपी के नेताओं पर दबाव पड़ा तो आनन-फानन में लोगो को एकत्र किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस समय बोल रहे थे उस समय तक लोग रैली में आ रहे थे।
मेरठ में समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी के मुताबिक शहरी लोगों ने मोदी की रैली को बुरी तरह नकार दिया। गांव के लोगों को बहला-फुसला कर इज्जत बचाने की कोशिश की गई।2014 की तुलना में इस रैली में आधी भी भीड़ नहीं थी। उन्होंने कहा कि तब लोग चलकर आए थे, लेकिन इस बार उन्हें बुलाना पड़ा।
मेरठ की बीजेपी की इस रैली को विजय संकल्प रैली का नाम दिया गया था। इस दौरान दलित युवकों ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की। मेरठ के हीरा चौराहे पर नरेंद्र मोदी के कटआउट पर कालिख पोत दी गई। इस दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग कर रहे वकीलों ने भी विरोध किया।