देश में कोरोना वायरस की जांच के लिए चीन की रैपिड टेस्टिंग किट के गैर प्रभावी रहने तथा इनको अधिक दाम पर खरीदने जैसे आरोप के बीच चीन ने कहा है कि भारत में उसकी जिन रैपिड किट पर सवाल किए जा रहे हैं वह उस पर मिलकर कार्य करना चाहता है. उसका प्रयास रहेगा कि इसे मिलकर हल किया जाए. चीन सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हम चाहते हैं कि हम मिलकर कार्य करें जिससे शुरुआती तारीख से कठिनाइयों को दूर किया जा सके.
चीन ने कहा है कि उसकी दो कंपनियां जिनकी किट को लेकर कहा जा रहा है कि वे अपेक्षित परिणाम नहीं दे पा रही है, उसे चीन की नेशनल मेडिकल प्रोडक्टस एडमिनिस्ट्रेशनस आफॅ चाइना ने पास किया है. इसको भारत की पुणे स्थित नेशनल वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट ने भी अनुमोदित किया है.
एशिया, यूरोप के साथ ही लैटिन अमेरिका के देश भी इन किट का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में हमनें आईसीएमआर से भी बात की है कि आखिर किट में समस्या क्यों आ रही है. हमें मिलकर यह देखना होगा. हम मिलकर हल चाहते हैं. यह जानना भी जरूरी है कि इन किट के भंडारण, परिवहन और उपयोग के लिए विशिष्ट विधि है. चीन ने कहा है कि इन तीन बिंदुओं का भी मूल्यांकन होना चाहिए. चीन ने कहा है कि इसको लेकर हम आईसीएमआर के साथ मिलकर कार्य करना चाहते हैं. हमारी दो कंपनियां वोंडो बायोटेक और झुहाई लिवजाोन डायग्नोस्टिकस ने सभी सतर्कता और जरूरी टेस्ट पास करने की जानकारी दी है.